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Thursday, April 22, 2010

स्कूल में मासिक फीस ही जमा कराएं अभिभावक

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो :

दिल्ली में एक पब्लिक स्कूल प्रबंधन के अड़ियल रवैये से तंग अभिभावकों को हाईकोर्ट ने खासी राहत बख्श दी है। जस्टिस वीना बीरबल ने बुधवार को अभिभावकों के एक समूह की याचिका पर सुनवाई के बाद ये आदेश दिया है कि अभिभावक अपने बच्चों की मात्र मासिक फीस जमा कराएं। पूर्व में हाईकोर्ट की एक अन्य बेंच ने फैसला सुनाया था कि स्कूल प्रबंधन तिमाही फीस जमा न कराने वाले अभिभावकों के बच्चों का स्कूल से नाम नहीं काटेगा। सुनवाई की अगली तारीख 29 जुलाई तय की गई है।

स्कूल की 10वीं व 12वीं समेत विभिन्न कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों के 10 अभिभावकों के समूह की ओर से याचिका पेश करते हुए अधिवक्ता अशोक अग्रवाल और कुसुम शर्मा ने कहा कि कैलाश कालोनी स्थित समर फील्ड स्कूल प्रबंधन मनमानी पर उतारू है। स्कूल में चेक या कैश के रूप में तिमाही फीस देने का फरमान है। करीब डेढ़ दर्जन बच्चों के अभिभावकों ने जब तिमाही फीस जमा करने से इंकार किया तो स्कूल प्रबंधन ने बच्चों का नाम काट देने और रिपोर्ट कार्ड न देने की धमकी दे डाली। इसके बाद अभिभावकों ने अदालत का रुख किया। उन्होंने कहा कि ऐसा करना दिल्ली स्कूल एजूकेशन एक्ट का उल्लंघन है, क्योंकि एक्ट के प्रावधान के मुताबिक मासिक फीस लेने की ही व्यवस्था न्याय संगत बताई गई है। हालांकि राजधानी के सैकड़ों अन्य स्कूलों में भी मासिक की बजाए तिमाही फीस वसूली जाती है। अधिवक्ता अग्रवाल ने कहा कि राजधानी में करीब 1700 अन एडेड स्कूल हैं और सभी में तिमाही फीस ली जाती है। जबकि किसी भी बच्चे के अभिभावक मासिक से ज्यादा फीस जमा कराने के हक में नहीं रहते।

बीते दिनों जस्टिस एस.एन. अग्रवाल की बेंच ने इसी मामले में आदेश दिया था कि समर फील्ड स्कूल प्रबंधन बच्चों का नाम नहीं काटेगा और बच्चों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं करेगा। बुधवार को मामले की सुनवाई जस्टिस वीना बीरबल की कोर्ट में हुई। यहां अदालत ने आदेश दिया है कि स्कूल प्रबंधन अनावश्यक रूप से अभिभावकों पर तिमाही फीस जमा कराने का दबाव नहीं डालेगा। साथ में बच्चों का नाम भी नहीं काटेगा।

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